AMAN AJ

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अंतरिक्ष युद्धम 1

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    “मैं इस दर्द से तंग आ चुका हूं।” राज ने डॉक्टर पीयुष वर्मा को बताया।‌ वह पिछले कई दिनों से पीठ के दर्द से परेशान था। दर्द इतना बढ़ चुका था कि उसे डॉक्टर के पास आना पड़ा। उसने एक गहरी सांस भरी और आगे कहना शुरू किया “यह पिछले कई महीनों से हो रहा है, मुझे तो अब अच्छे से याद भी नहीं, इसकी शुरुआत कब हुई थी। शुरू में लगा था हल्का बैक पेन है लेकिन समय के साथ यह बढ़ता गया। ‌ पहले बाम लगाता था तो दर्द कम हो जाता था पर बाद में बाम ने भी असर करना छोड़ दिया। धीरे-धीरे मैंने होम्योपैथिक दवाई शुरू कर दी पर गुजरते समय के साथ वह भी बेअसर होने लगी। ‌आलम यह है कि अब मुझे चौबीस में से अट्ठारह घंटे इस दर्द के साथ ही गुजारने पड़ते हैं। प्लीज, डॉक्टर! इसका कोई इलाज कीजिए, वरना यह दर्द मेरी जान ही ले लेगा। कभी-कभी दर्द के ऐसे तूफान उठते हैं कि बर्दाश्त की हद पार हो जाती है। मरने का मन करने लग जाता है।” आखिर तक कहते-कहते राज ने अपने हाथ जोड़ दिए थे।

    राज तेईस साला का एक नौजवान था। अपनी मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने के बाद उसका काम सिर्फ घर में बैठकर नौकरी की तलाश करना भर रह गया था। वह एक भरे-पूरे भले परिवार से आता था, उसके पिता मिलिट्री में हाईकमान के पद पर कार्यरत थे जबकि माता घर का काम संभालती थी। उसकी एक छोटी चौदह साल की बहन भी थी जिसका नाम पुजा था। जब उसने अपनी मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की थी तब उसका सपना मिल्ट्री में डिफेंस सिस्टम के अंदर सिलेक्ट होने का था पर अपने पीठ दर्द के चलते वह कभी शुरुआती चरण ही पार नहीं कर सका था। पुशअप और दूसरी चीज करते वक्त उसका पीठ-दर्द ना चाहते हुए भी उसके आड़े आ जाता था। ‌

    पीयूष वर्मा ने उसकी बात ध्यान से सुनी, उन्होंने राज की रिपोर्ट उठाई और उसे पढ़ना शुरू कर दिया “हो सकता है रीढ़ की हड्डी में कोई फैक्चर हो!”

    “नहीं डॉक्टर साहब! मैंने एक्सरे करवा लिया है। उसमें ऐसी कोई जानकारी नहीं जो फैक्चर होने के बारे में बताए। आप इस रिपोर्ट में भी देख सकते हैं। इसमें पिछले 6 महीनों के एक्स-रे और दूसरी जांचों के बारे में सबकुछ है।” राज ने तुरंत सवाल का जवाब दिया। बीमारी के चलते वह पिछले कई महीनों से इतना कष्ट सहन कर चुका था कि उसने किसी भी तरह की जांच और एक्स-रे में कसर नहीं छोड़ी थी।

    "बोन्स में किसी तरह की कोई कमी तो नहीं.?" डॉ पीयूष वर्मा ने फाइल के पन्नों को पलटते हुए दुसरा सवाल पूछा।

    “नहीं डॉक्टर साहब! मैं बचपन से अच्छे खान-पान और सही आदतो को फॉलो करता आ रहा हूं। खाने में सलाद तथा हरी सब्जियों से कभी परहेज नहीं किया। दूध का सेवन भी नियमित करता हूं। सुबह उठने के बाद योग और व्यायाम भी मेरी दिनचर्या का हिस्सा है। ऐसे में ऐसी कोई भी परेशानी मुझे नहीं है।”

    राज ने जो भी कहा था वह बिल्कुल सच था। बचपन से ही उसे अच्छे खान-पान का शौक था। उसकी आदत थी चाहे कुछ भी हो जाए प्लेट में रखा खाना नहीं छोड़ता था। हरी सब्जियों के लिए तो उसने अपने घर के पीछे ही किचनगार्डन भी बना रखा था। बाबा रामदेव की पुरानी योगा क्लासेज भी उसने कभी मिस नहीं की थी। ‌ यह सब चीजें पर्याप्त थी कि उसके शरीर में किसी भी तरह की कोई कमी न हों। रिपोर्ट में जो डाटा था वह भी यही बता रहा था। ‌

    “हूँ.....” डॉक्टर ने एक लंबी हूं भरी। उन्होंने अपनी कुर्सी को पीछे की ओर हिलाना शुरू कर दिया" मुझे समझ में नहीं आ रहा कि जब सब कुछ सही है तो तुम्हें ऐसी दिक्कत क्यों आ रही है।” कुछ देर सोचने के बाद डॉक्टर पीयूष वर्मा बोले। “शरीर में किसी तरह की कमी नहीं, कोई फैक्चर नहीं, कैल्शियम भी बराबर मात्रा में मौजूद है तो ऐसे में पीठ का दर्द क्यों? मैंने ऐसा केस फिलहाल कभी नहीं देखा जहां सब कुछ सही होने के बाद भी आप एक बीमारी से ग्रसित हो…” डॉक्टर पीयूष वर्मा ने फाइल वापिस टेबल पर रख दी थी। इस केस के बारे में जितना सोच सकते थे उन्होंने सोचा और उसके बाद निष्कर्ष निकालकर सारी बातें राज को बताइ। वो आगे बोले, “मुझे लगता है तुम्हें एडवांस एक्स-रे करवाना चाहिए। हमें तुम्हें बड़ी एक्स-रे मशीनों में डालना पड़ेगा।‌ वैसे यह मशीनें नई हैं और ऐसा एक्स-रे कभी हुआ नहीं, तुम पहले मरीज होगे जिसका इन मशीनों से एक्स-रे होगा।”

    “बड़ी एक्सरे मशीनें!! क्या अब तक जिन मशीनों से एक्सरे लिया गया है वह काफी नहीं थी?” राज ने कौतुहलवश सवाल किया। अक्सर एक्स-रे मशीनों से शरीर में रेडिएशन फैलने की संभावना रहती है जिसका डर राज के मन में भी था।

    डॉ पीयूष वर्मा ने पास रखा पैन उठाकर हाथों में ले लिया “हां, छोटी मशीनें आपको सीमित जानकारी देती हैं लेकिन बड़ी मशीनों से हमें पुरा डाटा प्राप्त होता है। इसके बाद ही मैं फैसला कर पाऊंगा कि तुम्हारा इलाज कैसे करना है, बाकी तुम्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं, मैं तुम्हें कुछ दवाइयां लिखकर दे देता हूं जो तुम्हें एक्स-रे से कुछ दिन पहले खानी हैं। इससे तुम्हारा शरीर उन एक्स-रे से निकलने वाले रेडिएशन से प्रभावित नहीं होगा। दवाइयों से तुम्हारा पीठ का दर्द भी ठीक रहेगा।” डॉ पीयूष वर्मा राज का चेहरा पढ़ चुके थे। वह अच्छे से जानते थे कि राज एक पढ़ा-लिखा लड़का है ऐसे में उसे एक्स-रे मशीनों से होने वाले नुकसान की जानकारी पहले से ही होगी। वह उसे पूरी तरह से आश्वस्त करना चाहते थे की उसे एक्सरे मशीनों से किसी तरह का खतरा नहीं है। इसलिए राज को एक्स-रे मशीन की जानकारी दी और साथ-साथ में कुछ दवाइयां भी लिख दी।

    “हम्म" न चाहते हुए भी राज ने हां में गर्दन हिला दी। ‌ शायद रेडिएशन से जो खतरा होगा वह कम से कम उसकी इस पीठ दर्द से तो कम पीड़ादायक होगा, जो सहने की सीमा पार कर चुकी थी। उसने अपनी फाइल वापस ली और बाहर आ गया।

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14 Comments

Arman

26-Nov-2021 11:21 PM

Nice

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Fiza Tanvi

20-Nov-2021 01:03 PM

Good

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Angela

31-Aug-2021 10:40 AM

Great!

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